HEM THAKUR | News18 Himachal Pradesh
Updated: January 21, 2019, 12:29 PM IST
२२ जनवरी १९४८ को पाकिस्तानी हुकूमत ने पारा चिनार बिरादरी के पूर्ण चंद भाटिया व अन्य लोगों को हिंदुस्तान जाने का फरमान जारी कर दिए. बर्फीली रात में वे अपने बाल- बच्चों के साथ एक मैदान में टेंट में रात गुजारने पहुंच गए लेकिन अचानक चारो तरफ गोलियों की आवाजें गूंजने लगी. टेन्ट में रह रहे महिला-पुरुष व बच्चों को बेरहमी से गोलियों से भून दिया गया. उन्होंने बताया कि चारों तरफ से बंदूकें तानकर उन्हें एक किले में कैद कर दिया गया और कहा गया कि सनातनियों या तो अपना धर्म परिवर्तन करो या फिर गोली खाओ.
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