•पिता की सख्ती को सहन करो, ताकी योग्य बन सको,

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•पिता की सख्ती को सहन करो, ताकी योग्य बन सको,

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•पिता की सख्ती को सहन करो, ताकी योग्य बन सको,

•पिता की बातें ध्यान से सुनो, ताकी दुसरो की न सुननी पड़े,

•पिता के समक्ष ऊंचा मत बोलो अन्यथा ईश्वर तुमको नीचा कर देगा,

•पिता का सम्मान करो, ताकी तुम्हारी संतान तुम्हारा सम्मान करे,

•पिता का सम्मान करो, ताकी इससे लाभ उठा सको,

•पिता का आदेश मानो, ताकी समृद्ध रह सको,

•पिता के समक्ष दृष्टि झुका कर रखो, ताकी भगवान तुमको संसार मे आगे करे,

•पिता एक पुस्तक है जिसपर अनुभव लिखा जाता है,

•पिता के अश्रु तुम्हारे समक्ष न गिरे, अन्यथा ईश्वर तुम्हे संसार से गिरा देगा,

पिता एक ऐसा व्यक्तित्व है ...!!!!

माँ का स्थान तो निस्संदेह अपने  स्थान है ! किन्तु पिता का भी कुछ कम नही, माँ के चरणों मे स्वर्ग हैऔर पिता स्वर्ग का द्वार है, यदि द्वार ना ख़ुला तो भीतर कैसे जाओगे ?

जो ग्रीष्म हो अथवा शीत अपने बच्चों की की भोजन इत्यादि की चिंता में व्याकुल रहता है, ना कोई पिता के जैसा प्रेम दे सकता है ना कर सकता है!!

स्मरण रख़े सूर्य ऊष्ण अवश्य होता है परन्तु अस्त जाए तो अंधकार छा जाता है, !!

आओ आज़ सब मिलकर इन महान व्यक्तित्व माता-पिता हेतु कामना करते है..|

हे ईश्वर मेरे माता-पिता को उत्तम स्वास्थ्य व दीर्घायु देना। उनकी समस्त कठिनाइयों और बाधाओं  का विघ्न कर, उन्हें सदा हमारे हेतु प्रसन्नचित्त रख़ना।



इस संदेश को समस्त विद्यालयी बच्चों तक पहुंचाया जाए

                         आपका धन्यवाद


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चारों वर्णों की समानता और एकता
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सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः, सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुःख भाग्भवेत्। ऊँ शांतिः शांतिः शांतिः